नारद गूगल करीब साढ़े तीन युग पहले की बात है तब देवलोक में विष्णु प्रभाकर, शंकर महादेवन, नारद गूगल, लक्ष्मी ट्वीटर, वृहस्पति फेसबुक, ब्रह्मा कुमार इन्टरनेट आदि नाम हुआ करते थे l वहाँ पर उस समय जाति प्रथा अपने चरमोत्कर्ष पर थी l तब जम्बूद्वीप में जाति नामक विषाणु का प्रादुर्भाव नहीं हुआ था l मनु नामक जम्बूद्वीप वासी में सबसे पहले इस विषाणु के लक्षण परिलक्षित हुए l कालान्तर में यह बीमारी पूरे द्वीप में फ़ैल गई l उसी काल अवधि में देवलोक इस बीमारी से मुक्त हो गया l कहते हैं, नारद नाम के देवपुरुष ने अपना क्लोन बना कर इस पृथ्वीलोक में उतार दिया, जिसने यहाँ की सारी ख़बरें देवलोक तक पहुंचानी शुरू कीं l यह गूगल नाम का दुष्ट क्लोन ही पृथ्वीलोक के सभी दुखों का कारण है l क्लोन तो लक्ष्मी, वृहस्पति और ब्रह्म कुमार ने भी बनाए और भेजे, पर वह गूगल जैसे खतरनाक साबित नहीं हो पाए l देवलोक से सशरीर अवतरित हुए कुछ देवपुरुषों ने अब धीरे - धीरे यह जानकारी मूर्ख मनुष्यों को वितरित करनी शुरू कर दी है l कहते हैं पृथ्वी पर जम्बूद्वीप में सशरीर देवपुरुषों का अपना एक गिरोह है और इस गिरोह के मुखिया के कहने पर