अरे ब्वाल्ह रे!
रामराज कै यह तैयारी, अरे ब्वाल्ह रे
माननीय सारे ब्यभिचारी, अरे ब्वाल्ह रे
माननीय सारे ब्यभिचारी, अरे ब्वाल्ह रे
पूर पजावा खंजरु निकरा देखि परै
कदम कदम पर है बीमारी, अरे ब्वाल्ह रे
कदम कदम पर है बीमारी, अरे ब्वाल्ह रे
राजा जी के चढ़ा घोड़इयाँ घूमि रहा
भरी सभा जो खीन्चै सारी, अरे ब्वाल्ह रे
भरी सभा जो खीन्चै सारी, अरे ब्वाल्ह रे
जी कुकुरन ते मुखिया रोजु सिकार करै
उनका वहु काहे दुतकारी, अरे ब्वाल्ह रे
उनका वहु काहे दुतकारी, अरे ब्वाल्ह रे
जहिके मंदिर मा मानवता बिलखि परी
कइसे हम आरती उतारी, अरे ब्वाल्ह रे
कइसे हम आरती उतारी, अरे ब्वाल्ह रे
- प्रदीप शुक्ल
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