महिना भरि पहिले ललकारै
हमका डेरवावै, फुफकारै
ढील परा अब पढै पहाड़ा
का सखि साजन? नाहीं ' जाड़ा '
अभी अभी तो था वह आया
जाने का प्रोग्राम बनाया
इच्छाएं रह गईं अनंत
क्या सखि साजन? ...नहीं, ' बसंत '
हमका उई कुछु हइहल लागैं
अब हुदकारी, तबौं न जागैं
गे बुढाय, है खतम भवा बल
का सखि साजन? नाहिं, ' बामदल '
हमका डेरवावै, फुफकारै
ढील परा अब पढै पहाड़ा
का सखि साजन? नाहीं ' जाड़ा '
अभी अभी तो था वह आया
जाने का प्रोग्राम बनाया
इच्छाएं रह गईं अनंत
क्या सखि साजन? ...नहीं, ' बसंत '
हमका उई कुछु हइहल लागैं
अब हुदकारी, तबौं न जागैं
गे बुढाय, है खतम भवा बल
का सखि साजन? नाहिं, ' बामदल '
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