इस छुट्टी में / प्रदीप शुक्ल
इस छुट्टी में आओ बच्चों
चलें गाँव की ओर
मोटरगाड़ी,
मॉल, सिनेमा
से कुछ दिन की छुट्टी
ए सी कूलर से कर लें हम
थोड़े दिन तक कुट्टी
छोड़ चलें हम महानगर का
यह बड़बोला शोर
इस छुट्टी में आओ बच्चों
चलें गाँव की ओर
आओ देखें
चलकर
खेतों में फैली हरियाली
बासों के झुरमुट में रस्ता
देखे कोयल काली
यहाँ देख कर दिन भर टी वी
हो जाओगे बोर
इस छुट्टी में आओ बच्चों
चलें गाँव की ओर
छत पर
चंदा के संग होंगी
प्यारी दादी नानी
ले जायेंगे साथ यहाँ से
अपनी मच्छरदानी
चिड़िया बोलेंगी कानों में
उठो हो गई भोर
इस छुट्टी में आओ बच्चों
चलें गाँव की ओर
सुबह सबेरे
किरणें
करती मिल जायेंगी जादू
ओस बनी मोती की माला
दिखलायेंगे दादू
पापा से बोलो चलना है
ज़रा लगा कर जोर
इस छुट्टी में आओ बच्चों
चलें गाँव की ओर.
# डॉ. प्रदीप शुक्ल
29.03.2016
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