राजनीति का खेल है, खेलों का सिरमौर
घोड़ी चढ़ता और है, फेरे लेता और
फेरे लेता और, साथ मे है सहबाला
पाँच बजे ही भोर, पड़ गयी है वरमाला
वर-सहबाला बीच, नहीं संबंध प्रीति का
ये है सच्चा खेल, खेल है राजनीति का
घोड़ी चढ़ता और है, फेरे लेता और
फेरे लेता और, साथ मे है सहबाला
पाँच बजे ही भोर, पड़ गयी है वरमाला
वर-सहबाला बीच, नहीं संबंध प्रीति का
ये है सच्चा खेल, खेल है राजनीति का
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