पीलू तितली
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और एक दिन पीलू तितली
नहीं गई स्कूल
नहीं गई स्कूल
जैसे ही वह घर से निकली
नन्हे पंख पसारे
एक फूल का बच्चा उसको
रोता मिला किनारे
नन्हे पंख पसारे
एक फूल का बच्चा उसको
रोता मिला किनारे
पीलू ने आंसू देखे तो
वहीं गई सब भूल
वहीं गई सब भूल
रोता बच्चा बोला,
मेरा रंग नहीं चमकीला
मुहँ बिचकाती मुझे देखकर
पिंकी, नीलू, शीला
मेरा रंग नहीं चमकीला
मुहँ बिचकाती मुझे देखकर
पिंकी, नीलू, शीला
पीलू, दोस्त तुम्हारी कहतीं
मुझको नामाकूल
मुझको नामाकूल
धूल झाड़कर बच्चे को
सिर से उसने नहलाया
और प्यार की खुशबू से
उसके मन को महकाया
सिर से उसने नहलाया
और प्यार की खुशबू से
उसके मन को महकाया
खिल खिल कर हँस रहा अभी तो
छोटा सा वह फूल
छोटा सा वह फूल
- प्रदीप शुक्ल
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