महिला दिवस मा रामकली
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चारि बजे हैं
खटिया पर ते
बस उतरी हैं रामकली
खटिया पर ते
बस उतरी हैं रामकली
हैण्डपम्प ते
पानी भरिकै
लाई हैं दुई ज्वार
लकड़ी कै कट्ठा पर
जूठे बासन ते है वार
पानी भरिकै
लाई हैं दुई ज्वार
लकड़ी कै कट्ठा पर
जूठे बासन ते है वार
बिन अवाज
पूरे आँगन मा
फिरि दउरी हैं रामकली
पूरे आँगन मा
फिरि दउरी हैं रामकली
पौ फूटै तो
लोटिया लईकै
बहिरे बाहर जायँ
लउटैं तो लोटिया फ्याकैं
औ' ग्वाबरु लेयँ उठाय
लोटिया लईकै
बहिरे बाहर जायँ
लउटैं तो लोटिया फ्याकैं
औ' ग्वाबरु लेयँ उठाय
रपटि परी हैं
डेलिया लईकै
फिरि सँभरी हैं रामकली
डेलिया लईकै
फिरि सँभरी हैं रामकली
दूधु दुहिनि
बर्तन मा डारिनि
अब यहु जाइ बजार
बचा खुचा लरिकन के खातिर
रखिहैं पानी डार
बर्तन मा डारिनि
अब यहु जाइ बजार
बचा खुचा लरिकन के खातिर
रखिहैं पानी डार
महिला दिवस मा
हँसिया लईकै
निकरि परी हैं रामकली.
हँसिया लईकै
निकरि परी हैं रामकली.
- प्रदीप शुक्ल
महिला दिवस ' 2016
महिला दिवस ' 2016
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