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विपक्ष बिलबिला रहा है कि पाकिस्तान के विरुद्ध सैनिक कार्यवाही और उसके उपरांत हो रहे घटनाक्रम से सतापक्ष को लाभ हो रहा है. अब हमारा क्या होगा? उनका बिलबिलाना जायज है. हर छोटी से छोटी डेवलपमेंट का सारा श्रेय स्वयं प्रधानमन्त्री तत्काल रूप से उठा लेना चाहते हैं.
ठीक है आपने आतंकवाद के विरुद्ध जिस तरह की राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता दिखाई वह पूर्ववर्ती सरकारें नहीं दिखा पाईं. पर उसके लिए तुरंत अपनी पीठ थपथपाना बहुत हल्केपन की निशानी है. आप हर चौराहे - नुक्कड़ पर छप्पन इंची सीना लिए होर्डिंग में मुस्कुरा रहे हैं और वहाँ कश्मीर से रोज ताबूत देश के कोने - कोने पहुंचाए जा रहे हैं.
अरे, कुछ तो शर्म कीजिए. जो युद्ध आपने शुरू किया है उस पर ध्यान दीजिये. आपका ध्यान तो बूथ पर है. हमारे सैनिक आपकी चुनावी जीत के लिए बलिदान नहीं दे रहे.

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