मन खुश था जब वह थे आये
दिल में अपने आप समाये
पर निकले ढोंगी के बाप
क्या सखि साजन? ना सखि, ' आप '
बन में, मन में खिले पलाश
मौके की हो रही तलाश
आते ही होगी बरजोरी
क्या सखि साजन? ना सखि ' होरी '
होली में वह होश भुला दे
अंग - अंग गुदगुदी मचा दे
हौले - हौले उठे तरंग
क्या सखि साजन? ना सखि ' भंग '
पांच साल मा अब दिन बहुरे
चले आ रहे निहुरे - निहुरे
ताकति दीदा होइगे लाल
को सखि साजन? न, ' लोकपाल '
दिल में अपने आप समाये
पर निकले ढोंगी के बाप
क्या सखि साजन? ना सखि, ' आप '
बन में, मन में खिले पलाश
मौके की हो रही तलाश
आते ही होगी बरजोरी
क्या सखि साजन? ना सखि ' होरी '
होली में वह होश भुला दे
अंग - अंग गुदगुदी मचा दे
हौले - हौले उठे तरंग
क्या सखि साजन? ना सखि ' भंग '
पांच साल मा अब दिन बहुरे
चले आ रहे निहुरे - निहुरे
ताकति दीदा होइगे लाल
को सखि साजन? न, ' लोकपाल '
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